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इस रोग के कारण 6 गम्भीर रूप से गलत ढंग से कार्य करने लगता है एवम् सम्पूर्ण वायवीय शरीर प्रभावित होता है। (क) GS (कई बार) (ख) C" 6 G. C' (अग्न्याशय)/ E 6b BVI C' - B दर्द में सकून देता
है और अग्न्याशय द्वारा अधिक पाचक रसों के निकलने का संकुचन करता है। Y का उपयोग न करें, अन्यथा इससे अग्न्याशय अधिक सक्रिय होकर अधिक रस का उत्पादन करने लग जायेंगे जिससे रोगी की हालत और
बिगड़ जायेगी। (ग) c (1, 4) E w- शरीर को मजबूत करने के लिए (घ) (11, 10. 9, bh8)/ Ev (ङ) कुछ दिनों तक प्रतिदिन तीन बार उपचार करें। पहले दिन रोगी को काफी
आराम मिल सकता है। ठीक होने की गति आम तौर पर बहुत तेज होती है। (१४) गॉल ब्लैडर के पत्थर- Gall Stones
(क) C (6. LTE 6 GBV (ख) c ( गॉल ब्लैडर) E~0/ E IB, IG, 10- हरे और नारंगी प्राण
गॉल ब्लैडर के पत्थरों को घोलने के लिए हैं। नीले रंग का प्राण, हरे तथा नारंगी रंग के प्राण को स्थानीयकरण हेतु है। नीले रंग के प्राण की प्रेषित मात्रा हरे व नारंगी रंग के प्राण ऊर्जा की प्रेषित मात्रा के लगभग बराबर होनी
चाहिए। (ग) जब तक जरूरत हो, तब तक सप्ताह में तीन बार उपचार करें। (१५) यकृत शोथ-Hepatitis
L का सूज जाना या यकृत शोथ वायरस द्वारा अथवा शराब का लम्बे समय तक शराब अधिक मात्रा में पीने के कारण होता है। अधिक समय तक क्रोध का रहना या तनाव 6 तथा [ को गलत ढंग से कार्यरत कराते हैं और ये गंदे लाल रंग की ऊर्जा से भर जाते हैं, जिससे यकृत संक्रमण से प्रभावित हो सकते हैं। क्रोध तथा तनाव द्वारा शरीर के ऊर्जा का स्तर कम हो जाता है तथा कुछ चक्र गलत ढंग से काम करने लग जाते हैं, जिससे शरीर का प्रतिरक्षात्मक तंत्र कमजोर हो जाता है। (क) Gs (कई बार)
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