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________________ (ढ) यदि बुखार बहुत बढ़ा हुआ है या बार-बार आता है, तो C' 11 E (कम B ), साथ ही 1 को संकुचित करें। इसको सावधानी से करें, अन्यथा अस्थायी रूप से तापक्रम सामान्य से कम भी हो सकता है। कभी-कभी माता-पिता के अधिक गुस्सा करने या उनके चिड़चिड़ेपन से उनका आभा मण्डल गहरा लाल हो जाता है और उससे क्रोध की ऊर्जा निकलती है। इससे बच्चा गहरी लाल ऊर्जा से संक्रमक हो सकता है, जिसके वजह से उसका शरीर कमजोर हो जाता है और उसे संक्रमण और बुखार हो सकता है। उपक्रम (३२) मास्टर उपचार तकनीक- मूलाधार चक्र तकनीक - Master Healing Technqiue - Basic Chakra Technique 1 को ऊर्जित और सक्रिय करने से समस्त भौतिक शरीर ऊर्जित होता है, लेकिन इससे शरीर की ऊर्जा स्तर कुछ हद तक ही बढ़ पाता है। चूंकि 3 ऊर्जा को पम्प की तरह काम करता है, इसलिए यदि 1 और 3 दोनों को ही ऊर्जित और सक्रिय किया जाये, तो 1 से ऊर्जा बहुत तेज गति से चलेगी और पिछले मैरिडियन के माध्यम से समस्त शरीर में अच्छी तरह फैल जायेगी। समस्त शरीर और आंतरिक अंग ऊर्जित हो जायेंगे और मजबूत हो जायेंगे और ज्यादा चमकीले और लाल से हो जायेंगे। 1 और 3 दोनों को 5 और सक्रिय करना मास्टर उपचार तकनीक कहलाती है और अनेक प्रकार के रोगों को दूर करने के काम आ सकती है, लेकिन इसे सावधानी से करना चाहिये। यह शक्तिशाली तकनीक निम्न कार्यों में इस्तेमाल की जा सकती है(क) आंतरिक अंगों व पूरे शरीर को ऊर्जित करना तथा मजबूत करना। यह तकनीक उन रोगियों के लिए बहुत उपयोगी है जो बहुत कमजोर है तथा आंतरिक अंगों के रोगों से पीड़ित है। कमजोर रोगियों को ऊर्जा तथा शक्ति लगभग तुरन्त ही मिलती है। (ख) शरीर के प्रतिरक्षात्मक तंत्र को काफी मजबूत करना। अनेक प्रकार के संक्रमण जैसे फेंफड़ों का क्षय रोग। इस तकनीक को रतिज रोगियों या उसका इतिहास रखने वालों पर प्रयोग नहीं करना चाहिए अन्यथा इसमें अधिक लाल प्राण बनने से उनकी हालत बिगड़ सकती है।
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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