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(घ) यदि रोगी में विपरीत प्रक्रिया होती है या दर्द होता है, तो C करें जब
तक आराम न आ जाये।
गम्भीर रोगों, विशेषकर गम्भीर संक्रमणों के लिए यह तकनीक बहुत ही उपयोगी है। यह उचित होगा कि आतों के संक्रमण में इस तकनीक को न इस्तेमाल किया जाये, अन्यथा पतले दस्त या अन्दर खून बहना हो सकता है। इस तकनीक को गर्भवती महिलाओं पर न अपनायें। उपक्रम (२६) सौर जालिका चक्र की सफाई की तकनीक -
Cleansing Solar Plexus Chakra Technique बहुत से रोगों की जड़ में भावनात्मक कारण होते हैं। दूसरे शब्दों में 6 पर प्रभाव पड़ता है। C 6 अधिक समय लेता है। इसलिये घड़ी के विपरीत दिशा में हाथ घुमाकर सफाई करने से शीघ्र सफाई की जाती है। रोगी का 16 द्वारा उपचार की गति बढ़ाई जा सकती है।
यदि भावनात्मक समस्या दीर्घकालीन है, तो 6 के बाद भी गंदी लाल ऊर्जा पुनः आ जाती है। ऐसे केस में E6 BGO- जब कि G और 0 का सफाई एवम् निष्कासन का प्रभाव पड़ता है, B द्वारा इस विधि को सुरक्षित करने के लिए है। इसके बाद C' 6 – इस विधि को अधिक उन्नत प्राणशक्ति उपचारक ही करें।
और अधिक योग्य उन्नत प्राणशक्ति उपचार केवल 5 6 Go, फिर C' 6 करें, ताकि दबी हुई भावनाओं का घनापन दूर हो जाये। उपक्रम (३०) रक्त की सफाई की तकनीक- Cleansing the Blood
Technique रक्त की सफाई फेंफड़ों को F G तत्पश्चात् ० से की जा सकती है। G तथा ० को फेंफड़े में से बहता हुआ रक्त शोषित कर लेगा, जिससे रक्त, रक्त की नलियां लथा तमाम शरीर साफ हो जायेगा। 0 द्वारा रोगी को पसीना आ सकता है। यह तकनीक रक्त की नलियों के बीमारियों व गम्भीर संक्रमणों में बहुत उपयोगी है। इस तकनीक को गर्भवती महिलाओं पर न इस्तेमाल करें। (क) GS (१ या २)