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________________ उपक्रम (२७) रसौली- Cysts कई फेसों तथा ६ र घनापन होता है और भूरे से लाल प्राण से भरा होता है। 6 में से यह गंदा लाल प्राण रसौली में जाता है। यह पाया गया है कि लम्बे समय तक कुछ शारीरिक भागों पर घनेपन के कारण, रसौली बनती है और कोशिकाओं का असाधारण उत्पादन होता है । (क) C' 6/ E GB (ख) C ( रसौली) GO- यह गंदे लाल प्राण को निकालने के लिये । (ग) E (AP) IB स्थानीयकरण प्रभाव के लिये E (AP) IG, IO (E IO नाजुक अंगों के नजदीक नहीं करें) सप्ताह में तीन बार इलाज करिये, जब तक आवश्यक हो । रोगी को मसालेदार भोजन को न खाने के लिए, तथा भावनाओं पर नियन्त्रण के लिए सरल ध्यान लगाने के लिए कहिए क्योंकि रसौली अक्सर नकारात्मक भावनाओं और तनाव से होती है। (घ) (ङ) (च) उपक्रम (२८) आंतरिक अंगों की सफाई करने की तकनीक - Cleansing the Internal Organs Technique सावधानी - यह तकनीक केवल अधिक अनुभवी उन्नत प्राणशक्ति उपचारक ही करें, अन्यथा आंतरिक अंगों को हानि पहुंच सकती है। 6 निचले तथा ऊपरले चक्रों द्वारा आने वाली ऊर्जाओं का सफाई घर (clearing house) होता है। यह लगभग सभी आंतरिक अंगों के मध्य में होता है, अतएव इसका उचित उपचार करने से आंतरिक अंगों की सफाई हो जाती है । (क) ( ख ) (TT) GS (२) C' 6 E 6f (कम B ) ( ज्यादा G) 0 अथवा E 6f GO— यह उक्त से ज्यादा ताकतवर है, लेकिन इसमें अधिक योग्यता की आवश्यकता है और गलत हो जाने से पतले दस्त तथा अन्य विपरीत प्रभाव हो सकते हैं, विशेषकर कमजोर हृदय वाले रोगियों के । ५.१९९
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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