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________________ उपक्रम (१७) पुराने घाव-- Old wounds G पुराने घावों के शीघ्र उपचार के लिये इस्तेमाल होता है, क्योंकि इससे सतह (surface) गीली (watery) सी होती है। पुराने मृत कोशिकाओं को तोड़ने में काफी G की जरूरत होती है। (क) C (AP) G~0- यह AP की समुचित सफाई के लिये किया जाता है। 0 नाजुक अंगों पर या उनके नजदीक इस्तेमाल न करें। (ख) E (AP) B (स्थानीय- localizing} प्रभाव के लिये IGR- त्वरित ठीक होने के लिए। और अधिक त्वरित ठीक करने के लिये बजाय E (AP) BGR के, E (AP) B तथा E (AP) (५०% IG + ५०% IR) (ग) c (1, 4)/ E R- और तेजी से ठीक करने के लिए उपक्रम (१८) ताजे घाव को तुरन्त ठीक करना- Instantaneous healing of fresh Wocios यह तभी संभव है जब घाव ताजा हो और रोगी स्वस्थ, थोड़ा सा जवान तथा उपचार के लिये ग्रहणशील हो। कृपया इस सम्बन्ध में विस्तृत विवरण अध्याय ८ के क्रम सं (११) में देखें। (क) C1 G/E R- इस चक्र को E के समय धड़कते हुए एवं बड़े होते हुए दृश्यीकृत करें। (ख) C (AP) [E GB– रक्तस्त्राव कम करने तथा स्थानीयकरण प्रभाव के लिये। (ग) E (AP)/E O-R (O-R रक्तस्त्राव रोकता है बगैर निशान छोड़ते (घ) साथ ही रोगी के 1 पर शॉर्ट- सर्किट का प्रयोग करें। यह रोगी के 1 से अपने हाथ चक्र में ऊर्जा ग्रहण कर, फिर उसे दूसरे हाथ चक्र से घाव के ओर प्रेषण करके होता है। यह प्रक्रिया शक्तिशाली उपचारकों को करने की आवश्यक्ता नहीं है। (ड) घाव को बंद या ठीक होते हुए दृश्यीकृत करें। यह दृश्यीकरण साफ नहीं भी हो, लेकिन आवश्यक है कि इच्छा शक्ति यही होनी चाहिए। जब तक ठीक न हो जाये, इस इलाज को करते रहिए, बीच में कई बार अल्प विश्राम लेते रहिए। ५.१९५
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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