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________________ I I उपक्रम (१४) पुराने जले के सामान्य केस - Old minor Burns (क) C (AP) G~0 0 को सिर के क्षेत्र या नाजुक अंग पर या उसके नजदीक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। नाजुक क्षेत्र में G ही काफी है। ( ख ) E (AP) B ( सकून के लिए ) / GR (शीघ्र ठीक करने के लिए)- यदि (AP) सिर का क्षेत्र है, तो ER के स्थान पर EV करें। (ग) (घ) - C ( 14 ) / ER उपचार की गति को और अधिक बढ़ाने के लिए। इलाज को कई दिनों तक दोहरायें । उपक्रम (१५) पुराने जले के गम्भीर केस- Old Severe Burns (क) उपरोक्त उपक्रम १४ (क) के अनुसार ( ख ) (ङ) (च) E (AP) GBV, यह सकून पहुंचाने, रोग संक्रमण को कम करने तथा शीघ्र ठीक होने के लिए है (ग) (क) तथा (ख) को दिन में कई बार दोहरायें । (घ) कई दिनों के बाद जब दर्द काफी कम हो जाये, तो E (AP) GR त्वरित ठीक होने के लिए। यदि AP सिर के क्षेत्र में है, तो ER के स्थान पर EV करें। C (1, 4)/ E W— ठीक करने में और तेजी लाने के लिए जब तक जरूरी हो, दिन में एक या दो दफे इलाज करें। उपक्रम (१६) रक्तस्त्राव कैसे रोका जाय - How to Stop Bleeding (क) C (AP)/ EG ( सफाई के लिए ) B (रक्त बंद करने के लिए ) (ख) C (1, 4) G/ER (ग) Hemophilia ( हैमोफिलिया) अर्थात उन केसों में जिनमें वंशगत कारणों से जरा सी भी चोट पहुंचने पर रक्त देर तक बहता रहता है क्योंकि रक्त का थक्का नहीं बन पाता - ( १ ) इसमें E (AP) G-B (२) C1 ER- खून बंद होने तक । ५.१९४
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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