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________________ (२१) सुनहरे रंग की ऊर्जा- Golden Energy (g) (क) स्त्रोत- दिव्य स्त्रोत- परमात्मा तथा गुरुओं के आशीर्वाद से प्रवेश बिन्दु- 11 (ख) रचना- जैसे ev के, किन्तु यह उससे मृदुतर है और उससे सफाई करने में कम प्रभावशाली है। (ग) शारीरिक उपयोग (१) आवश्यक्तानुसार (२) नाजुक क्षेत्रों / अंगों जैसे आंखों व मस्तिष्क पर शक्तिशाली Y के स्थान पर (घ) सामान्य तौर पर (१) यह ज्यादा अच्छा होगा कि ev को सामान्य E और g को । स्थानीय E के लिए उपयोग करें। (२) जो मार्गदर्शन ev के लिए है, वहीं g के लिए है। (३) मनो रोगों में g के स्थान पर ev का उपयोग करना चाहिए। (२२) उपचार के लिए किस चक्र से कौन सी ऊर्जा को ग्रहण करें (क) 1 से R, O, Y, 0–R, 0-Y (ख) 8 से G, B, G-B (ग) 11 से V, Bv. G-v, GY, g, ev तथा दिव्य (divine) (२३) पाठकगणों के लिए चिन्तन एवम् शोध का विषय प्रायः आपने णमोकार महामंत्र को चित्र ५.०५ में निहित रंगों सहित लिखा देखा होगा। क्या कभी आपने इसमें निहित रंगों की ओर ध्यान दिया है? इसमें मेरा विश्लेषण इस प्रकार है:(क) सफेद रंग में णमो अरिहंताणं- इस रंग में सभी रंगीन प्राणों के गुण हैं। चमकदार श्वेत रंग एक दिव्य ऊर्जा का रूप है। अध्याय ३ में द्विहृदय पर ध्यान-चिंतन के वर्णन (घ) के अन्तर्गत एक सफेद चमकीली दिव्य रोशनी का जिक्र आया है। __अरिहंत भगवान की भक्ति से जीव स्वयं अरिहंत बनता है, कदाचित सफेद रंग की ऊर्जा में सभी रंगों के गुणों के होने के कारण।
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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