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________________ --- - - - . . जिससे विभिन्न चक्र सामान्य होते हैं और शरीर ठीक व स्वस्थ होने लगता है। यह अध्याय ३ में वर्णित द्विहृदय पर ध्यान चिंतन के समय (सकारात्मक भावनाओं के कारण) भी उत्पन्न होती हैं। ___ गुलाबी रंग की ऊर्जा के अन्य स्रोत कस्तूरी, गुलाब का तेल । और रोज़ क्वार्ट्ज़ (Rose Quartz) हैं। (ख) यह स्नेह की ऊर्जा की द्योतक है। (ग) उपचारक को इस ऊर्जा का प्रयोग उपचार के लिये नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे उसका 7 पर विपरीत प्रभाव पड़कर हृदय की समस्यायें हो सकती हैं। (२०) विद्युतीय बैंगनी- Electric Violet Energy {ev) (क) स्त्रोत- दिव्य स्त्रोत- परमात्मा ५ आध्यालिफ गुरुओं के आशीर्वाद से प्रवेश बिन्दु- 11 (ख) रचना-- केन्द्र में ७० प्रतिशत चकाचौंध करने वाली सफेद ऊर्जा तथा परिधि में हल्के बैंगनी रंग की प्राण ऊर्जा गुण(१) इसमें सभी रोग की ऊर्जाओं के गुण हैं। यह 7 से कई गुना शक्तिशाली है। (३) इसके द्वारा क्षतिग्रस्त अंगों व स्नायुओं पर शीघ्र पुनर्निर्माण होता E (२) यह अति शक्तिशाली संक्रमण दूर करने वाला है। इसकी अपनी स्वयं की एक चेतना होती है और अनेक रोगों का प्रभावी उपचार करता है। (६) ev का v के तुलना में अन्य रंगों के गुणों से कई गुना शक्तिशाली प्रभाव पड़ता है। (७) उसे क्या कार्य करना है, इसका उसको संज्ञान होता है। () गहरे रंग की ev का अधिकतर लोगों पर हानिकारक प्रभाव होता है। ५.१७४
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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