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(घ) सामान्य एवम् विशेष गुण(१) V में सभी अन्य ५ प्राणों (R, O, Y, G तथा B) के गुण होते हैं
और यह शक्तिशाली होता है। W (सफेद) तथा v दोनों में ही सभी रंगों के गुण होते हैं, किन्तु v का ज्यादा गहराई तक धुसने का प्रभाव होता है और आसानी से अवशोषित हो जाता है। इसलिये W के तुलना में / उपचार में ज्यादा प्रभावशाली है। किसी भी अन्य रंगीन प्राण के प्रेषण के प्रभाव को, चाहे वह पहले किया जाये चाहे बाद में, v कई गुना बढ़ा देता है। इसलिये जब कभी v पहले अथवा बाद में उपयोग किया जाये, तब गहरे रंग के प्राण का उपयोग न करें, अन्यथा उसका
विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। (३) यदि v को अन्य रंगीन प्राणों के साथ मिलाकर एक साथ प्रेषण
किया जाये तो कई गुना प्रभाव अन्य रंगों के गुणों पर पड़ता
है। (ङ) शारीरिक उपयोग
गम्भीर प्रकृति के रोगों पर ___ नाजुक अंगों व शरीर के भागों पर अथवा 6 या उससे उच्च
चक्रों पर (7, 8, 9, 10, 11) जहाँ वास्तव में ० या R के उपयोग की आवश्यक्ता तो होती है, किन्तु उनका उपयोग उनके नष्टकारी प्रभाव के कारण नहीं किया जा सकता। ऐसे केसों में
v से इन कार्यों को करने के लिये निवेदन करना चाहिए। (३) कमजोर अंग को शीघ्र शक्तिशाली बनाने के लिए C GIE RV
(यदि गहरा लाल इस्तेमाल किया गया तो प्रभाव नष्टकारक हो जायेगा)