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(ङ) वायवी गुण (etherical property)
रोग ग्रस्त ऊर्जा और इस्तेमाल की हुई ऊर्जा को शक्ति से खदेड़ना (च) वायवी उपयोग
उपरोक्त ऊर्जा की सफाई (छ) मनोवैज्ञानिक प्रभावी गुण
(१) उत्साह (२) Fanaticism- उदंडता आदि (ज) मनोरोगों में उपयोग
(१) निरुत्साहता (२) आलसीपन (३) ढीलापन (झ) सावधानियां(१) चूंकि नारंगी प्राण का अति प्रभावशाली असर होता है, इसलिये
इस रंग से नाजुक अंग जैसे सिर, आंखों, मस्तिष्क, सिर के नजदीक क्षेत्र में, हृदय, 7 , प्लीहा और 5 का इलाज नहीं
करना चाहिए। (२) इसका 6 और 4 पर इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए,
क्योंकि इसके द्वारा पतले दस्त हो सकते हैं। इससे एपेन्डाइट्सि का इलाज नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके
द्वारा आंत्रपुच्छ फट सकती है। (४) जब आप फेंफड़ों को फेंफड़ों के पीछे की तरफ से ऊर्जित करें,
तो हाथों और उंगलियां सिर की दिशा में इंगित करती हुई नहीं होने चाहिए अन्यथा इससे अनजाने में नारंगी ऊर्जा सिर व
मस्तिष्क में पहुंचकर उनको क्षतिग्रस्त कर सकती है। (अ) सामान्य
मूत्र त्यागते समय बेकार के पदार्थ को शरीर से बाहर निकालने के
लिए 2 और 3 अत्यधिक नारंगी प्राण उत्पन्न करते हैं। (ट) सफाई के मामले में नारंगी (0) और हरे (G) के इस्तेमाल का सम्मिलित नोट
सफाई की उन्नत तकनीक में किसी भी चक्र का शरीर के भाग का ऊर्जन करने से पहले अथवा सामान्य झाड़-बुहार में भी रोगग्रस्त
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