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जाये तो इसका हृदय, कण्ठ, फेफड़े, मस्तिष्क आदि उच्च अंगों पर
विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। नारंगी रंग की ऊर्जा- Light Whitish orange Energy (O) (क) स्रोत- वायु प्राण- माध्यम 1 (ख) रचना- केन्द्र में ८० प्रतिशत या इससे अधिक प्रकाशवान सफेद और
परिधि में २० प्रतिशत या उससे कम हल्का नारंगी- हल्के नारंगी रंग
का शेड (shade) चित्र ५.०४ में दिग्दर्शित है। (ग) शरीर पर प्रभावीगुण(१) निष्कासन करना
(२) नष्ट करना (३) घनापन दूर करना
(४) अच्छी प्रकार से सफाई करना (५) ढीला करना- रोगग्रस्त ऊर्जा को ढीली करता है (६) पिघलाना (७) किसी चीज को खींचकर निकालना (८) तोड़ना विस्फोट करना, नष्ट करना
(६) बेकार के पदार्थों को दूर करना (घ) शारीरिक उपयोग (१) बेकार की ऊर्जा, टॉक्सिन, कीटाणु और रोगग्रस्त ऊर्जा का
निष्कासन करना अथवा नष्ट करना। एलर्जी-यद्यपि एलर्जी के लिए अन्य रोग की ऊर्जा प्रयोग की जा सकती है, किन्तु तुरन्त और देर तक प्रभावी इलाज के लिये
0 और R इस्तेमाल किये जा सकते हैं। (३) गुर्दे और मूत्राशय के रोग।
कब्ज-क्योंकि यह दस्त होने को उत्तेजित करता है। (५) मासिक धर्म की समस्यायें (६) रक्त थक्का निकालना (७) सन्धिवात
() रसौली (Cyst) (६) सर्दी, कफ और फेफड़े की समस्याएं । (१०) मरते हुए रोगी की चेतना का abstraction (सार) निकालने में
सहायता करना।
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