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(७) रक्त, कोषिकाओं और अस्थि तंत्र को शक्तिदायक (८) उत्तेजना पैदा
करने वाला एवम् सक्रियता करने डाला 5) कोंको नाड़ा करना (ङ) शारीरिक उपयोग
(१) कमजोर और ढीले ढाले अंगों या भागों को शक्ति देना। (२) रक्त एवम् वायु की नलियों की चौड़ाने वाला- इस गुण का
प्रयोग हृदय रोग एवम् अस्थमा रोग में किया जाता है। परिभ्रमण में सुधार जैसे रक्त blood circulation रुधिराभिसरण एलर्जी में। आंतरिक तथा बाह्य घावों में।
लकवा (७) बेहोश रोगियों को होश में लाना। (८) मरते हुए रोगियों की जिन्दगी बढ़ाने अथवा उनको जीवित करने
की कोशिश में। (च) मनोवैज्ञानिक प्रभावी गुण
(१) बहादुरी (२) साहस (३) क्रियाशीलता (४) प्रगतिशीलता (५). आक्रामक मनो रोगों में उपयोग
(१) दब्बू timid व्यक्तियों का उपचार (२) निराशा, हतोत्साहता दूर करने में (ज) सावधानी- इस ऊर्जा से सफाई नहीं की जाती। (झ) चक्रों का उपचार
छोटे हो गये और धीमे चल रहे चक्रों को सामान्य आकार एवम् सामान्य गति से चलाने के लिए, लाल रंग की ऊर्जा का प्रयोग करके सामान्य तौर पर आने तक इच्छा करें एवम् दृश्यीकृत करें। जांच करके इसको सुनिश्चित करें। उक्त प्रक्रिया केवल 1, 2, 3, 4 और कभी-कभी ही 6 पर करना चाहिए, न कि उच्च चक्रों पर। उच्च चक्रों के लिए यह प्रक्रिया की
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