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(घ) अपनी सांस बाहर छोड़ें और यह महसूस करें कि भूरा रोगग्रस्त पदार्थ
छिद्रों से स्वास्थ्य किरणों के रूप में बाहर निकल रहा है तथा यह भी महसूस करें कि स्वास्थ्य किरणें सीधी हो रही हैं। सीधी स्वास्थ्य किरणों द्वारा प्रयोग की गई, 'अतिरिक्त प्राणशक्ति और रोगग्रस्त जीव द्रव्य
पदार्थ को शरीर के बाहर निकाला जाता है। (ङ) कुछ क्षणों तक अपनी सांस रोकें और महसूस करें कि उपचार किये
अंग की चमक बढ़ रही है। छिद्रों द्वारा सांस लेनको पद्धति में आप साजी प्राणशक्ति को छिद्रों द्वारा भीतर खींचते हैं और भूरे रोगग्रस्त पदार्थ को बाहर छोड़ते हैं। इसको श्वसन क्रिया के साथ समन्वय (Synchronize) कर लें। (३) ताओ पद्धति या ताओवाद की छह उपचारी ध्वनियां
यह पद्धति छिद्रों द्वारा सांस लेने की पद्धति की तरह ही है। इसमें किसी खास अंग से रोग ग्रस्त जीव द्रव्य पदार्थ निकालने को बाहर निकालने के लिए विशेष प्रकार की ध्वनियां का इस्तेमाल किया जाता है। जब आप यह महसूस कर लें कि प्रभावित अंग की ठीक प्रकार से सफाई हो चुकी है, तब आप आराम से और धीरे से सांस लें और धीमे से ध्वनि का उच्चारण करें। उपचारी छह ध्वनियां निम्नलिखित हैं (The secrets of Chinese Meditation- लु कु आन यु)
(क) प्लीहा Spleen (ख) हृदय Heart - हो
Ho (ग) फेफड़े Lungs - जु Szu (घ) पेट Stomach - शऽ शी Hsi (ङ) जिगर Liver
श 5 शु Hsu (च) गुर्दे Kidneys - Ega Ch'ui
कुछ लोग स्वयं उपचार में खास अंग के लिए खास ध्वनि पर अधिक ध्यान नहीं भी देते हैं। ताओ की स्व उपचारी पद्धति युद्ध कला के समान ही है। अभ्यास करने वाला जब भी वार करता और सांस बाहर छोड़ता है, वह कोई आवाज
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