SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 592
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ (ग) लगभग दो महीने तक सप्ताह में दो बार इलाज करें। उपक्रम (३७) गर्भपात का इतिहास रखने वाली महिलाओं का पेट में दर्द (क) अच्छी तरह जांच करें। (ख) C (4 .2, 1) (ग) पेट पर हल्का c (घ) E4 (बहुत धीरे और हल्के से) (ङ) आवश्यकतानुसार इलाज को कई बार दोहरायें। उपक्रम (३८) शल्य चिकित्सा से पहले और बाद में रोगियों का इलाज- Treating Patients before and after undergoing Surgery (१) सामान्य शल्य चिकित्सा (Operation) के लिये (क) (जिस भाग की शल्य चिकित्सा करना हो) (ख) (चिकित्सा किये गये भाग, 6, 4, 1) --- ऐसा करने से उपचार की गति में तेजी आयेगी। (ग) इलाज को दोहरायें । (२) बड़ी शल्य चिकित्सा (Operation) के लिये (क) Gs (कई बार) (ख) शरीर को ताकत देने के लिए T (1, 4, 6) (ग) T (जिस भाग का इलाज किया जा रहा हो एवम् सम्बन्धित चक्रों) - ऐसा करने से उस भाग को ताकत मिलेगी और रक्त के बहने में कमी होगी। आसपास के चक्रों का T करने से भी लाभ होगा। इस इलाज को शल्य चिकित्सा से कुछ दिन या सप्ताह पहले भी किया जा सकता है। (ङ) शल्य चिकित्सा के बाद उपचार की प्रक्रिया को तेज करने के लिये (क), (ख) व (ग) को अगले कई दिनों या सप्ताह तक दोहरायें। ५.१२०
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy