SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 591
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ' (छ) रोगी को किसी विशेषज्ञ और उन्नत प्राणशक्ति उपचारक से भी मिलने की सलाह दें। उपक्रम (३३) गर्भवती महिलाएं- Pregnant women इनको धीरे से और आराम से ही ऊर्जित करना चाहिए और अधिक देर तक ऊर्जित नहीं करना चाहिए। विशेष तौर पर E (4, 3, 2, 1) नहीं करना चाहिए, वरना गर्भस्थ शिशु पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है या उसकी गर्भ में ही मृत्यु हो सकती है। उपक्रम (३४) गर्भवती महिलायें जिन्हें प्रसव में कठिनाई होती है (क) प्रसव के दर्द को कम करने व बच्चे के जन्म को आरामदायक बनाने के लिए C हल्के से (4, 2) IE (ख) यदि पीठ में दर्द हो तो c (पीठ के निचले हिस्से पर लगभग चार बार) (ग) इनका 3, 1 ऊर्जित न करें, वरना गर्भस्थ शिशु पर विपरीत प्रभाव पड़ सकता है। उपक्रम (३५) जिस महिला को प्रसव हुआ हो, उसे शीघ्र ही सामान्य कैसे करें (क) GS (३) (ख) T( 1, 4, 6) (ग) लगभग ५ दिनों तक दिन में दो बार इलाज करें। दो या तीन दिन में रोगी को लाभ मिल जाना चाहिए। उपक्रम (३६) गर्भपात का इतिहास रखने वाली महिलाओं का गर्भपात कैसे रोकें इनका 2, 4 और 1 कमजोर होता है। यह उपचार उन महिलाओं के लिए है जो गर्भवती नहीं है लेकिन जिनको गर्भपात होता रहा हो। (क) Gs (ख) T (2, 4, 6) ५.११९
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy