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बार इलाज करें। तीव्र केस में मैडीकल डाक्टर से सलाह लेने के लिए
कहें। उपक्रम (१७) जठरीय व ग्रहणी अल्सर-Gastric and Duodenal Ulcers
(क) 6 व पेट के ऊपरी भाग की जांच करें। (ख) C' 6 / E of (ग) T (Ar) (घ) 14
(ङ) सप्ताह में दो या तीन बार इलाज करें। उपक्रम (१८) बवासीर-Hemorrhoid (Piles)
गुदा के लघु चक्र पर प्राणशक्ति के घनेपन के कारण यह रोग होता है, इससे 6 व 4 भी प्रभावित होते हैं। गुदा के चक्र दिव्यदृष्टि से देखने पर मटमैला लाल रंग का दिखाई देता है। यह चक्र 1 और गुदा के बीच में, गुदा के थोड़ा ऊपर होता है। (क) C' गुदा । (ख) c (पेट के ऊपर व नीचे) (ग) C' (6, 4) / E - बड़ी आंत व गुदा इन्हीं प्रमुख चक्रों द्वारा नियंत्रित
व ऊर्जित किये जाते हैं। (घ) सप्ताह में दो या तीन बार इलाज करें। (ङ) AP से रोगग्रस्त ऊर्जा हटाने के लिए रोगी ठंडे पानी का प्रयोग करे
और उस समय यह इच्छा करे कि ठंडा पानी रोगग्रस्त जीवद्रव्य पदार्थ
को दूर करता है। (च) रोगी से समुचित साफ सफाई बनाये रखने के लिए कहें। उपक्रम (१६) दीर्घकालीन एपेंडिसाइटिस-Chronic Appendicitis
(क) T (6f, 4 व एडिक्स)