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________________ (ज) यदि रोगी कमजोर हो, तो इस उपचार को शुरू करने से पहले GS इससे स्वास्थ्य किरणों की उलझन दूर होगी और बाहरी आभा मण्डल के छिद्रों को बन्द किया जा सकेगा। (झ) 1 (4, 15 - इससे शरीर को ताकत मिलेगी और हृदय के उपचार की गति बढ़ेगी। इलाज सप्ताह में तीन बार करें। गंभीर रोगों में अगले कुछ दिनों तक दिन में दो या तीन बार इलाज करें। इसमें अपने विवेक से काम लें। हृदय को सामान्य स्थिति में कई सप्ताह से लेकर कई माह तक लग सकते हैं। उपक्रम (१०) उच्च कोलोस्ट्रॉल-High Cholesterol यह 6 और L द्वारा नियंत्रित होता है। (क) C 6 (२० से ३० बार) (ख) CL (आगे, पीछे व अगल-बगल पर) (ग) 6 (घ) C ( L का लघु चक्र)/ E IC (ङ) c 7/E 7b (च) जब तक जरूरी हो, सप्ताह में तीन बार इलाज दोहरायें। (छ) 6 और L का ठीक प्रकार से काम न करना तनाव व नकारात्मक भावनाओं के कारण हो सकता है। इसलिये रोगी को आराम व ध्यान-चिंतन के लिए कहना चाहिए। उपक्रम (११) उच्च रक्तचाप- High Blood Pressure इसके कई कारण होते हैं जैसे असंतुलित भोजन, दवायें, रोगग्रस्त गुर्दे, भावनात्मक कारण और ठीक से योग का अभ्यास न करना। अत्यधिक क्रोध, चिड़चिड़ाहट, तनाव के कारण 6 का उत्तेजित होने के कारण भी 3 के उत्तेजित होने के कारण उच्च रक्तचाप हो जाता है। 3 रक्तचाप को
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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