________________
उपक्रम (५) पायोरिया- Pyorrhea
(क) GS ( २ या ३) (ख) T (AP) (दिन में २ या तीन बार) (ग) T (8, j) (दिन में २ या तीन बार) (घ) उपरोक्त उपक्रम (१) में वर्णित उपचार
(ङ) रोगी को दन्त चिकित्सक से मिलने की सलाह दें। उपक्रम (६) मूर्छा आना-- Fainting (क) 0 4 -- इसके उपरान्त E लगातार करें जब तक रोगी को होश न
आये। (ख) यदि भावनात्मक कारणवश मूर्छा हो, तो C' (6, 4yE (6, 4) (ग) यदि सिर में गूमढ़ हो, तो c(सिर के AP)-~E तथा मैडिकल डाक्टर से
शीघ्र मिलने की सलाह दें। उपक्रम (७) निकट दृष्टिवत्ता, दूर दृष्टिवत्ता, दृष्टि वैषम्य व भैंगापन– Near
Sightedness, Far Sightedness, Astigmatism, Cross Eyes and
Wall Eyes (क) आंखों की अपनी एक या दो उंगलियों से जांच करें। (ख) C (आंख) (ग) (9, bh, t) (ऊर्जित करते समय सफेद प्रकाश या प्राण शक्ति को
आंखों के अन्दर जाते हुए दृश्यीकृत करें) आखों की दुबारा जांच करें और c' यदि रोगी कमजोर या बूढ़ा हो तो T (1, 4, 6) -- इससे पूरे शरीर को ताकत मिलेगी। उपचार की गति केवल आंखों की परिस्थिति पर ही निर्भर नहीं होती, बल्कि पूरे शरीर की सामान्य स्थिति पर भी निर्भर होती है।
५.१०३