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________________ (घ) आवश्यक्तानुसार सप्ताह में तीन बार इलाज करें। उपक्रम (२८) फोड़े फुसियां- Boils (क) C (AP)/E, ठीक तरह इलाज होने की दशा में फुसियों का रंग गहरे लाल के बदले गुलाबी हो जायेगा। (ख) यदि फुसियां बहुत पुरानी हो तो CL, इसके बाद TB (ग) T1 (घ) यदि आवश्यक हो, तो इलाज दोहरायें। उपक्रम (२६) कीड़ों व खटमलों का काटना-- Insect and Bug Bites (क) जिस अंग पर कीड़े ने काटा हो, वहां की लालिमा और सूजन कम होने । तक CE (ख) आवश्यक्तानुसार इलाज दोहरायें। उपक्रम (३०) मुंहासे- Pimplas Pirtan (क) C' (चेहरा)/ E', चेहरे की प्राणशक्ति कम होती है और आंतरिक आभामंडल भूरा होता है। (9, 8, 6, 4.2, 1) की जांच करें और इनका T करें। (ग) चेहरे का उपचार दिन में एक या दो बार किया जा सकता है, जबकि चक्रों का इलाज दो या तीन दिन में एक बार किया जा सकता है। (घ) रोगी को अपनी खुराक पर ध्यान देना चाहिए और अपना चेहरा साफ करना चाहिए। मुहासों को खुजलाना नहीं चाहिए। उपक्रम (३१) अनिद्रा- Insomnia (क) यदि रोगी बहुत ही उत्तेजित है, या उसमें बहुत अधिक ऊर्जा है. तो । GS (२ या ३), इससे ही नींद आ जायेगी। (ख) यदि रोगी में प्राणशक्ति कम हो या कमजोर हो तो, Gs कई बार करें। तथा T ( 4, 6)
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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