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________________ (घ) बहुत से रोगियों को कम समय में ही आराम हो जाता है। (ङ) इस दर्द से बचने के लिए मासिक धर्म शुरू होने से तीन दिन पहले ही इलाज किया जा सकता है। उपक्रम ( १७ ) अनियमित मासिक धर्म या मासिक धर्म न होना Irregular Menstruation or No Menstruation जो इलाज ऊपर उपक्रम (१६) में बताया है। (क) (ख) T (9, गला) (ग) जब तक जरूरी हो, सप्ताह में कई बार इलाज करें। उपक्रम (१८) मांसपेशियों का दर्द और मोच - Muscle pain and Sprain (क) C (AP) / E* अधिकांश रोगी थोड़े समय में आंशिक रूप से ठीक हो जायेंगे। — (ख) मोच आ जाने पर E पूरी तरह ठीक होने तक चालू रखें। रोगी को चाहिए कि AP से अधिक काम न करे। उपक्रम (१६) पीठ दर्द- Backache (क) साधारणतः प्राणशक्ति की कमजोरी या कमी के कारण पीठ का दर्द होता है, इसलिये रीढ़ की हड्डी की अच्छी तरह जांच करें। C (पूरी रीढ़ की हड्डी) (ख) (ग) T (AP, 5, 1) (घ) E 3 न करें। सामान्यतः इस इलाज से तेजी से लाभ होता है । (ङ) स्थायी उपचार के लिए अगले कुछ सप्ताह तक इलाज बार-बार करें। उपक्रम (२०) हाथ उठाने में कठिनाई - Frozen shoulder (क) यह कठिनाई बगलों और उसके आसपास के भागों में प्राणशक्ति की कमी या घनेपन के कारण हो सकती है। इन अंगों की अच्छी तरह जांच करें। ५.७३
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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