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(ग) C(6f, 4) तथा C' पेट/E (6f, 4) - इसके थोड़ी देर बाद रोगी को आराम
मिल जाना चाहिए। (घ) 61.4 और पेट के ऊपरी व निचले भाग पर यदि थोड़ा सा C कर दिया
जाये तो साधारणतः आंशिक या पूरे रूप से आराम मिलता है। (ङ) यदि रोगी बहुत कमजोर है, तो शरीर को ताकत पहुंचाने के लिए T1 (ट) यदि रोगी को दर्द बहुत ही अधिक हो रहा हो और पतले दस्त अधिक
मात्रा में हो तो समझना चाहिए कि C ठीक नहीं हुई है। इसके लिए c'
(6, 4 और पेट का निचला भाग)। (ठ) यदि रोग के लक्षण यथावत रहें, तो रोगी को मैडिकल डॉक्टर तथा
उन्नत प्राणशक्ति उपचारक से मिलने के लिए कहें। उपक्रम (१४) कब्ज- constipation
(क) 6f, 4, पेट और 1 की जांच करें। (ख) T(6f, 4, 1) (ग) सामान्य रोगी कुछ ही समय में ठीक हो जाता है। गम्भीर और पुराना
कब्ज हो, तो कई घंटे लग सकते हैं। पुराने कब्ज के लिये, इस इलाज के लगातार करने से उत्सर्जन तंत्र (eliminative system) में सुधार
होगा और वह ताकतवर भी बनेगा। उपक्रम (१५) पराजीवी कृमि– Parasite worms
(क) उक्त उपक्रम (१४) में वर्णित इलाज करें। सप्ताह में कई बार करें।
(ख) रोगी को मैडीकल डॉक्टर से सलाह लेने के लिए कहें। उपक्रम (१६) मासिक धर्म का दर्द- Dysmenorrhea
(क) 2. 41 पेट का निचला भाग, 1 की जांच करें। (ख) C(2, 4, 1/E (ग) यदि रोगी थका हो या उसे चक्कर आते हों, तो T6