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दोहरायें, किन्तु इस बार यह संकल्प करें कि आप इससे रोगी के स्वास्थ्य आभा मंडल की स्वास्थ्य किरणों में कंघी करके उसको साफ़ कर रहे हैं और उसकी उलझी हुई स्वास्थ्य किरणों को सुलझा रहे हैं तथा बाहरी आभा मण्डल में यदि कोई छेद या दरार हो तो उन्हें सील (seal) कर रहे हैं। साथ ही उक्त प्रकार रोगग्रस्त जीवद्रव्य को नमक के घोल की ओर झटकते रहें।
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नमक मिला
| चित्र ५.०३ सामान्य झाड़ बुहारः बीमार ऊर्जा की सफाई करने या उसे निकाल देने से ओजस्वी ऊर्जा या प्राणशक्ति के बढ़ने-फेलने में वृद्धि होती है जिससे उपचार भी तेजी से होता है। रोगी को खड़े करके, बैठाकर या नीचे लिटाकर भी सामान्य झाड़-बुहार किया जा सकता है। बुखार के इलाज के लिए यह पद्धति बहुत ही उपयोगी है।