SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 354
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ चाहिए। पानी पीने की मात्रा दिन भर में न अधिक और न कम होनी चाहिए तथा मौसम के ऊपर भी निर्भर करेगी। अधिक पानी पीने से गुर्दे क्षतिग्रस्त हो सकते हैं एवम कम पीने से गुर्दे/गॉल ब्लैडर में पथरी की और पानी की कमी (dehydration) की समस्या हो सकती है। (8) स्वस्थ भोजन द्रव्य, क्षेत्र, काल, भाव का विचार कर शुद्ध सात्विक भोजन लेना चाहिए। "चौका" का तात्पर्य इसी से है। साधारण तौर पर दोपहर के भोजन के बाद विश्राम करना चाहिए पहले बाँए करवट, फिर दाँयें करवट । किन्तु यह सब के लिये व्यवहारिक नहीं है। सांयकाल के भोजन (अर्थात जिनाज्ञानुसार दिन में) के पश्चात थोड़ी देर धीमी गति से टहलना चाहिए। दोनों समय के भोजन के पश्चात मूत्र त्याग अवश्य करना चाहिए। सांयकाल के भोजन और रात के सोने में यदि कम से कम चार घंटे का अन्तराल हो तो उत्तम रहेगा, क्योंकि इतने समय में भोजन लगभग आधा पच जाता है। भोजन में क्या होना चाहिए, इसकी चर्चा आगे की जायेगी। (५) स्वस्थ मानसिकता अपनी भावनाओं को शुभ अथवा शुद्ध रखना चाहिए और उन पर नियंत्रण रखना चाहिए। पं० जुगल किशोर मुख्तार द्वारा लिखित "मेरी भावना बहुत प्रचिलित और सर्वत्र उपलब्ध है। उसके अनुरूप भावना भाना चाहिए। मन की स्थिति एवम् मानसिक स्थिति का शरीर के स्वास्थ्य के ऊपर गहरा प्रभाव पड़ता है। अनेक विषम परिस्थितियाँ जीवन में आती हैं, तब चिन्ता, क्रोध, भय, शोकादि मनोदशा को बिगाड़ देती हैं। इस विषय में उल्लेख करना है कि लम्बे समय तक की ऋणात्मक भावनाओं (जैसे क्रोध, भय, निराशा, हीनता की भावना, घमंड आदि) द्वारा रोगों का कैसे जन्म होता है, इसका विशेष विस्तृत वर्णन भाग ४ में दिया है। इस प्रकार की भावनाओं के कुछ समाधान निम्नवत दिये हैं:चिन्ता-- परिस्थितियों को देखिये कि आपका इसमें क्या कर्त्तव्य बनता है। यदि किसी को आर्थिक सहायता देना हो, किसी की वैयावृत्य या सेवा करनी हो, कोई औषधि देनी हो अथवा और कोई कार्य करना हो जो आपके वश में हो, तो वह करके यह संतुष्टि कर लीजिए कि जो आप कर सकते थे, वह आपने कर दिया है और फल
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy