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________________ ६. 19. आझा सहस्त्रार दोनों भौहों के मध्य में मस्तिष्क के ऊपर के भाग में, जहाँ चोटी रखी जाती है । अध्याय-- २ स्वस्थ जीवन ये सभी चक्रों का राजा है। शारीरिक विकास, मस्तिष्क और स्मरणशक्ति का संतुलन । नेत्रादि का नियमन मस्तिष्क मेरुजल का संचालन, मस्तिष्क का नियमन, इसका सभी ग्रंथियों पर प्रभाव पड़ता है। कामेच्छा का नियमन । (१) स्वस्थ वायु इस पर शरीर की स्वस्थता अत्यधिक निर्भर करती है। रहने के स्थान में अच्छी हवा के आवागमन का उचित प्रबन्ध होना चाहिये । वायु में लगभग पाँचवाँ हिस्सा ऑक्सीजन होता है, जो शरीर के लिए अत्यावश्यक है। साधारण तौर पर चार मिनट से अधिक ऑक्सीजन न मिलने पर मस्तिष्क स्थायी रूप से क्षतिग्रस्त हो जाता है तथा आम तौर पर मृत्यु हो जाती है। I (२) शारीरिक सक्रियता इसके अन्तर्गत टहलना, योग, व्यायाम आदि शारीरिक क्रियायें गर्भित हैं । (३) स्वस्थ पेयजल -- ३.३ अनेक स्थानों पर स्वस्थ पेयजल की प्राप्ति में कठिनाई पायी जाती है। खारा, गन्दा, कीटाणु मिश्रित पानी प्राप्त होता है, जिससे अनेक बीमारियाँ हो जाती हैं, जैसे कब्ज, पीलिया, अतिसार ( diarrhoea) आदि। हमारे शास्त्रों में पानी छानकर पीना आवश्यक बताया गया है, जिससे जीव रक्षा भी होती है। हो सकता है कि इससे पानी का सम्पूर्ण दोष दूर न हो पाये। ऐसी दशा में पानी उबालकर अथवा फ़िल्टर ( ज़ीरो - बी आदि), अथवा एकुआगार्ड (Aqua Guard ) द्वारा शुद्धीकरण करके पानी पीना
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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