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१ सुमेस
शविजय
उमर
३ अचल ४ मंवर विन्मालि
पश्चिम
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पंचमेरु
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महानदियां , गंगा २ सिन्धु
संदृष्टि रोहितास्या हरिकान्ता
दक्षिण में उत्तर में सीतोदा
हैपयत... दरम्यान नरकान्ता
। जघन्य भोग भूमि । पर्वत सष्यकूला
मिरिक्षेष रम्बार क्षेत्र हिमयान । रक्तोदा विदेह क्षेत्र - तीर्थंकर भगयान
| मध्यम ।
भोग भूमि
[दव कुरु २ महाहिमवान |१ सीमंधर २ युग्मंघर
| उत्तर कुरु | रक्ता
३ बाहु ४ सुबाहु |३.निषध
अकृष्ट १० स्वर्णकला
भोग भूमि |५ संजात ६ स्वयंप्रम ७ ऋषिभानन अनन्तवीर्य |
भरत मेत्र | ऐरावतक्षेत्र । ११नारीकान्ता | ४ | नील
|| सूर्यप्रभ १०विशालकीर्ति ११ बजघर १२ चन्द्रानन ५ रुक्मि
मेरू पर्वत १२ सीता
६ शिखरी १३ हरि
||१३ भद्रबाहु १४ मुजंग १५ ईश्वर १६ नेमिप्रभ १४ रोहिता वि विजयार्द्ध ||१७ वीरसेन १.महाभद्र १६यशोधर २०अजितवीर्य
सागर - महानदी नोट • जम्बूद्वीप का चित्रण
चित्र १.०३ में दिया है। ° पुष्कराल द्वीप की आधी नदियां पुष्कर समुद्र में गिरती हैं (अदर्शित)।
पर्यत
चित्र १,०६ ढ़ाईद्वीप
चित्र १.०६