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________________ घातकीखण्ड द्वीप खर भाग ६५,००० योजन 2,00,000 योजन समुद्र धातकीखण्ड द्वीप पाता ल चौड़ाई 90,000 १६,००० यो. ८४,००० x 9 वज्रमय भित्ती १३ ६५,००० योजन = 20 x खड़ ८०,००० यो अम्बहुल भाग 不 चित्र १.०५ दिग्गत →मुख k जम्बूद्वीप १००० यो गइरा वायु मूल ← ५ ख (१,८०,००० योजन मोटी) भाग वायु जल अमावस्या १ २ पूर्णिमा २ १ यूपकेशर कदम्ब 5 हरेक ५ सोलंदा परका **Se .... महानदियों के नान १४ mili एकदा १५२ सीता १३ हार 0. गंगा सिंधु ६, रक्ता ३] हिलस्था १० वर्णनला नारीकान्ता लवण समुद्र १३ १२ कौस्तुभास १२ रोहिता LLL ... पश्चिम उत्तर + • पूर्व दक्षिण बड़वामुख ७ धातकीखण्ड द्वीप विस्तार योजन मुखव मध्य ४ पाताल संख्या मूल चे उत्कृष्ट 90,000 9,00,000 मध्यम ४ 1,000 10,000 जघन्य 9,000 9,00 1,000 लवण समुद्र पर्वत महानदी नोट : १. कालोदधि समुद्र लवण समुद्र के समान है, किन्तु उसकी चौड़ाई ५ लाख योजन है और उसमें कोई पाताल नहीं है। २. उक्त दोनों समुद्रों में ४८-४९ कुद्वीप हैं, जहाँ कुमानुष रहते हैं।
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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