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________________ ४ योजन पश्चिम उत्तर पूर्व दक्षिण (नीलमणि को) पाण्डक वन नील पर्वत ४९४ यो _४० यो चौड़ा ०००+ ००० रक्तोदा . . रक्षा -२५.८२० यो. REF:- . . ... कुण्ड ७३३१४यां कुण्ड । --- तिमिस्त्र | विजयार्ध | पर्वत कन्छा - यो अखण्ड अर्यखण्ड प्रमान गाय - स्वामय वर्ण चित्रकूट स00078 यो REFE - .८२७१ क्षेपानगरी । यो । १९५३ यो ११.५८: ये सिहायतन सीता नदी प्रभास वाला मागथ दोन ट्रीप ५०० योजन - सौमनसबन ५०० यो चौड़ा विदेह का कच्छा क्षेत्र (अन्य क्षेत्र इसी प्रकार समझना) |–४२७२ ८ यो--- ११.००० यो. . . .१,४६. यो. -- पर्वत न्टी सरोवर लेक लाड अप गिरि पर्वत, जहाँ चकवा अपग न लिखता है और जहां उरका मान खरिहत होन। उत्तम रत्नमय वार्ण ६.०० या - -... यो. -- श्री सुबाहु स्वामी -- श्री मीमघर स्वामी -- Swam गधा सदगा नन्दन वन I.coया. चौड़ा भद्रपाल वन बत्तीस कर्मभूमियों क्षेत्र | प्रधान । प्रधान | पत्र नगरी उत्तर – पश्चिम उत्तर - पूर्व विजय कला मानाने मना |जधन म माग महापा जयना कन्ट वप्रकाननगरजिना करकाको गटारी नकली आन गुमना अयोध्या कर जमा धागलिनी विधा व मार्गी दक्षिण - पश्चिम दक्षिण - पूर्व ग्दा अमरी |मा नाम मुण्डा पिंडण । | युवच काइन महापद्य नारी | पदावापा TATUTER कर शरखा अ. रम्य अका निम्न गुग्यका | पचवनी कादा गणकः गलीया भा वाजगका मनोज-प्रमा जम्बूद्वीप के अन्तर्गत विदेह क्षेत्र + . २..यांचन नज़मय --१ect--- बाह स्वामी | आगजन श्री युग्मधर स्वामी चित्र १.०४ र - १०,०५.१यो यांना सुमेरु पर्वत
SR No.090007
Book TitleAdhyatma aur Pran Pooja
Original Sutra AuthorN/A
AuthorLakhpatendra Dev Jain
PublisherZZZ Unknown
Publication Year
Total Pages1057
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, Spiritual, & Yoga
File Size15 MB
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