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________________ यशोधर रास प्रय बाल पाठमी राग राज बल्लभ सखी कूकड युगलुतेह चुणत चुणा वृद्धि गरे । वली उपरीयां बह तेह सर्व कलापे पूरीयां रे ।। २७६ ।। एक दिवस तलार वन जाई पाछन बल्यू रे । सस्त्री दीठां तिणि ते बेह् अंगि लक्षणवली मविभरयारे ।। २१७ ।। लेईय ताम तलार राउ जसोमति भेटीउरे । सखी चली तेवा देषि राजा हरषि व्यापीउरे ॥ २५८ ।। माप्या तेहान ताम तु अछर माहरां रे । होसि रभवा काजि हावली एहनां पीलकारे ।। २७६ ।। सखी बोल्यु महा पसाउ तिरिंग दौड पंजरि घातीयां रे । सखी लेई वेगि तलार निज मन्दिर वली प्रावियो रे ॥ २८७ ।। सखी करण चणतां जल पान एक दिवस सुखिनी गम्यु रे । सखी प्राव्यु ताम वसंत वन वन वृक्ष जमुरीया रे ।। २८१ ।। कोइल करइ टहूक भमरा रुण झुण म्वनि करि रे । सखी फूल्या केसू फूल सहकारे माजिर घणी रे ।। २८२ ।। नाम जसोमति राउ राणी सुचली पनि गरे । सखी सांभलि तेह तलार ततक्षम बन भरणी सांचरचारे ॥ २८३ ।। पानि ले ईय सापि पंजिर थांबला वनि गउ रे । सखी प्राप्यु ते वन माहि जिहां राजानां पर अच्छि रे ।। २८४ ।। सात खणा रे प्रावास राणी सु नरपति रा रे। सखी तेह भागलि पटसाल वस्त्र ताउ गुडउ कीउ रे ।। २८५ ।। सखी पंजर तिणि चल गाड़ि वन पोवा मरणो सामय रे । सनी दीठउ तिणि प्रसोक इकडलु सुरतर समुरे ।। २८६ ।। तेह ललि मुनिवर राउ ध्यान घरी पासण कीउरे । सखी पंच महावय घार, पंच सुमतिहि विभूषीउरे १५ २८७ ।।
SR No.090004
Book TitleAcharya Somkirti Evam Brham Yashodhar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size3 MB
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