________________
यशोधर रास
४३
राज जे ऋथ कैण कि तणि तीरि। पारधीउ जे दूत । देश विदेश छोडी करी नयरी उजेगी पहूत ॥ ५ ॥ राज सभा माहि प्रावीय बहछउ करीय प्रणाम । प्रादर राइ पूछीउ प्राध्यु तू कुण ग्राम ॥ ८६ ।। मर जोडी ते बीनावि सुरगउ रेसर काम ।। ऋप केशक नरपति अछि भूपाल तेहनु नाम ।। ८७ ।। नारीय रूपि मागली राणी श्रीमती जास।
अमत महादेषी अछि किन्या रतन ते तास ।। E८ || यशोथर फुगर का विवाह
कुमर यगोषर कारणि देवा किन्या ते सार। मोकल्यु राइ तह तणु देषवा घरह प्रावार ।। ८६ ।। दूत सणी भूपति मुरशी बोलिव राय उछाह । मुहां पाणी कन्या तुम्हे करउतु सहीय वीवाह ॥६. || दूति फोफल पालद्या राइ संतोषवा सेह ।। वस्त्र विभूषण मापीनइ मोकल्यु केशक एह ।। ६१ ॥ पहिलु लगन पठाचीनइ बहु दल मेल्यु छि राइ । सजन लोक सोहासणि माचि गीति ते गाई॥६२ ।। राउ राणी सजन सह मेली बह दल जाम ।
कन्या सहित महोत्सवि प्राच्या ऊमेणोय नाम ।। ६३ ।। वस्तु-ताम नगरी ताम नयरी भउ उत्साह
पुरह लोक तब सषि मिल्यु घरिहि घरिहि प्रक्षाघ । ल्यावीया राउ जसोधज हरषीउ वनह मझि मुणीयान भावीय तलीया तोरण उतीर्या सूडी ते वन्नरवाल । माम्या वरह वधावीद भरी करी मोती थाल ॥ १४ ।।
प्रथ दाल चउथी
वन्नोला घरि घरि हुए मालसके उछद सहित अपार । सुणि सुदरे उछव सहित अपार । तेल पडावि कामनीए मा० गीत गाइ पति सार 11 मु. ।। ६५ ।। नाहीय धोईय उठीउए । मा० । आणीय सवि सिणगार । सु० ।। पहिरीय उसीय नीसरयु ए। हूउ तिहाँ
जय जयकार । सु० ।। ६६ ।।