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________________ 1 आचार्य सोमकीर्ति ४. श्रष्टान्हिका व्रत कथा | ५. समवसरण पूजा । राजस्थानी रचनाएं' १. यशोश्वर रास । २. गुरु नामावली | ३. रिषभनाथ की धूल । ४. त्रेपन क्रिया गीत । ५. श्रादिनाथ विनती । ६. मल्लिगीत | ७. चिन्तामणी पार्श्वनाथ जयमाल । सोमकीर्ति की संस्कृत रचनाओं का सामान्य परिचय निम्न प्रकार है १. सप्तव्यसन कथा समुच्चय यह कथा साहित्य को अच्छी कृति है । कथा समुच्चय में सात व्यसनों के आधार पर सात कथाएं दी हुई हैं। सात व्यसनों में जुप्रा खेलना, चोरी करना, शिकार खेलना, वेश्या सेवन, परस्त्री सेवन, मद्यपान एवं मांस खाने को गिनाया गया है । इसमें सात सर्म हैं। पूरी कृति दो हजार सडसठ श्लोकों में बनाकर समाप्त की गयी है । कथा समुच्चय भट्टारक रामसेन की कृपा से रचित सभ्य है | कवि ने इसे संवत् १५२६ में समाप्त किया था । संभवतः कवि की यह संस्कृत में निबद्ध प्रथम रचना है | राजस्थान के जैन शास्त्र भण्डारों में सप्तव्यसनकथा को पचासों प्रतियां मिलती है जो इसकी लोकप्रियता की ओर संकेत करती हैं। सबसे प्राचीन प्रति डूंगरपुर के शास्त्र भण्डार में हैं जो संवत् १६०५ की लिखी हुई है । कथा समुच्चय का अन्तिम भाग निम्न प्रकार है— नन्दीतटाके विटिते हि संघे श्रीराम सेनस्य पदप्रसाधत् । विनिर्मितो धिया ममायं विस्तारगोयो भुवि साधुः ॥६६॥ यो चा पठति विमृश्यति भव्योषि लभते स सौख्य मनिशं प्रत्यं (ओ) (सु) मवनायुक्तः । सोमकीर्तिमा रचितं ॥ ७० ॥ १. राजस्थान के जैन शास्त्र भण्डारों की ग्रन्थ सूची भाग पञ्चम-पृष्ठ संख्या ४६२ ।
SR No.090004
Book TitleAcharya Somkirti Evam Brham Yashodhar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorKasturchand Kasliwal
PublisherMahavir Granth Academy Jaipur
Publication Year
Total Pages232
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size3 MB
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