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________________ ४६० । । प्राचार्य अमृतचन्द्र : व्यक्तित्व एवं कर्तुत्र संक्षेप में निम्न प्रकार के लक्षण होते हैं । जो उत्तर गुणों की भावना से रहित हो तथा किसी क्षेत्र काल में किसी मूलगुण में प्रतिचार लगावे, जिनके अल्प विशुद्धता हो उसे पुलाक कहते हैं । जो मूलगुणों को निर्दोष पालन करता हो किन्तु धर्मानुराग के कारण शरीर व उपकरणों की शोभा बढ़ाने के लिये कुछ इच्छा रखता है वह बकुश है । जो शरीर तथा उपकरण प्रादि से पूर्ण विरक्त न हो और मूलगुणों तथा उत्तरगुणों की परिपूर्णता हो परन्तु उत्तर गुण की कदाचित् क्वचित् विराधना होती हो, वे प्रतिसेवना कुशील हैं और जिनके मात्र संज्वलन' कषाय शेष हो उसे कषाय कुशील कहते हैं। जिन मोह कर्म उपशांत अथवा नाश हो गया हो ऐसे ११वें तथा १२वें गुणस्थान वाले मुनि निनन्थ कहलाते हैं। समस्त घातिया कर्मों का नाश करने वाले सयोगी तथा अयोगी के वली म्नातक कहलाते हैं ।' मुनि दीक्षा विधि : प्राचार्य अमृतचन्द्र ने स्पष्ट लिखा है कि गृहस्थों को अपने पद तथा शक्ति का विचार करके ही सफल व्रतधारियों मुनियों के प्राचरण को अंगीकार करना चाहिए। उन्हें सम्यग्दर्शन, सम्यग्ज्ञान तथा सम्यक्चारित्र रूप रत्नत्रय धारण करने के बाद ही यथाशीघ्र मुनि पद ग्रहण करना चाहिए । निग्रन्थता को दीक्षा का उत्सव मोक्ष रूपी लक्ष्मी के स्वयम्बर समान है। अतः मुनि धर्म का उपदेश न करके ग्रहस्थ धर्म का उपदेश दाता तुच्छबुद्धि तथा दण्डनीय है, क्योंकि वह क्रम भंग उप झ देने वाला है। उसके कप भंग उपदेश से अति उत्साही शिष्य भी तुच्छ स्थान में हो संतुष्ट होकर उगाया जाता है । इस प्रकार महान, महत्त्वपूर्ण मुनिपद १. तत्त्वार्थसून अ. ६ सूत्र ४६ पृ. ७४० सं. पं. रामजी भई । २. पु. सि. पच २०० ३. वही, पद्य २१० ४ मोक्षलक्ष्मी स्वयंवरायमारपपरमनग्रन्थ्यदीभाक्षगा-." -प्रवचनसार गाथा 5टी। ५. “यो यति धर्मभकथन्नुपदिशति ग्रहस्मधर्ममल्पमतिः ।" तस्य भगवत्प्रवचने प्रदर्शित निग्रहस्थानम् ॥१८ ।। अक्रमकायनेन यतः प्रोत्सहमानोऽतिदूरमपि शिष्यः । अदिपि सम्प्रतृप्तः प्रतारितो भवति तेन दुर्मतिना ।। १६ ।। पु. सि. ॥
SR No.090002
Book TitleAcharya Amrutchandra Vyaktitva Evam Kartutva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUttamchand Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages559
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size9 MB
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