________________
२८२ ]
[ आचार्य अमृतचन्द्र : व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व
२७. ग्रन्थ -- समयसार वैभव, टीकाकार - पण्डित नाथूराम डोंगरीय,
प्रकाशक -- जै० घ० प्र० का. इन्दौर, तिथि -- ईस्वी १९७१, ___ . भाषा - हिन्दी। २८, अन्य -- समयसार आत्मख्याति, टीकाकार - पण्डित मनोहर लाल,
प्रकाशक -- सा. वि. दि.जै. सं. महावीरजी, तिथि - ईस्वी १६७६,
भाषा - हिन्दो/१००० । २६. ग्रन्थ -- समयसार, टीकाकार -- पं. पन्नालाल, प्रकाशक"....... ... ...
तिथि -- ईस्वी १६७४, भाषा -- हिन्दी। ३०, ग्रन्थ -- समयमार टीका (सप्तदशांगी टीका), टीकाकार -
सहजानन्द जमी, प्रकाश - भा. ज.जे. सी. म. मुजफ्फरनगर, तिथि -- ईस्वी १६७७, भाषा -- हिन्दी/११००
तस्वप्रवीपिका वृत्ति परिचय -
टीकाओं के अन्तर्गत प्राचार्य अमृतचन्द्र कृत द्वितीय आलोच्य कृति "तत्त्व प्रदीपिका वृत्ति'' नामक संस्कृत गद्य टीका है। यह भगवत्कुन्दकुन्दाचार्य प्रणीत "एवयणसारु" (प्रबचनसार) नामक प्रौढ़, दार्शनिक तथा सैद्धांतिक रचना की अतिगहन, अतिप्रौढ़ तथा उच्चकोटि की गद्यकाव्य शैली में रचित अद्वितीय टोका है। इसका बहुप्रचलित नाम तत्त्वप्रदीपिका भी है । दोनों शब्दों में मात्र इतना अंतर है कि दीपिका का अर्थ है प्रकाशक और प्रदीपिका का अर्थ है उत्कृष्ट रूप
नोट:-जैन लिटरेचर सोसाइटी, नंदन द्वारा यात्मख्याति का यंग्रेजी अनुवाद
प्रकाशित होगा । (देखो, जैन हितैषी, संपादक नाथूराम, अंक १०, वी०
नि० सं० २४३६, पृष्ठ ४७८) १. प्रवचनसार, प्रगत चन्द्राचार्य कृत टीका - प्रकाशन १६६४ ई०, सोनगढ़ तथा
प्रवचनसार का अंग्रेजी अनुबाद, अनुवादयः - प्रो. ए.एन. उपाध्ये, प्रकाशन -
१९६४ ई., प्रानाम। २. (म) प्रवचनसार - अमत चन्द्र-जयसेनीटीका प्रयोपेतः - संपादक पण्डित
अजितप्रसाय. न. रतनचंद (वी० नि सं० २४६५) पृष्ठ ६५१ । (ब) सीकर महाबीर और उनकी प्राचार्य परम्परा-भाग २, पृष्ठ ४१६ । (स) प्रवचनसार अंग्रेजी अनुवाद तत्त्वप्रदीपिका गति, अनुवादक -- प्रो. वारंट फहेगा -- प्रकाशन केम्ब्रिज विश्वविद्यालय लंदन, १९३५ ईस्वी, मुख पृष्ठ ।