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________________ ars. स्व० श्री शांतिलाल क स्तर चन्द जोवालिया का परिचय अपने प्रयास एवं बुद्धिबल से अपने भाग्य का निर्माण करने वाले स्वर्गीय श्री शांतिलाल कस्तुरचन्द जोवालिया महानगर बम्बई के लोहा बाजार में एक कुशल एवं प्रसिद्ध व्यापारी के रुप में प्रतिष्ठित थे । अपनी गगभूमि नागा बं: iCE परिस्थितियों का सामना करते हुए पाप प्रतिष्ठा के एक ऐसे स्थान पर पहुंचे जहां तक सभी को पहुंचना संभव नहीं होता। उनके कार्य एवं प्रयास युवा वर्ग को प्रेरणास्पद थे । व्यापारिक कुशलता के साथ हो उनकी भावना समाजसेवा की भी थी। आपके सुपुत्र श्री मनसुखभाई, श्री जयंतीभाई तथा श्री कन्हैयालाल उनके सुयोग्य उत्तराधिकारी साबित हुए हैं। वे अपने पिताजी के समान ही जाति, समाज. धर्म तथा देशहित में दान देते रहते हैं । उन्होंन सुरेन्द्रनगर में एक अस्पताल के निर्माणार्थ ५१ हजार रुपये प्रदान किए थे । सोनगढ़ में भी मुमुक्षुत्रों के लाभार्थ निर्मित "श्री कानजी स्वामी दिगम्बर जैन विश्रांतिगह' के निर्माण में भी तन, मन तथा धन से सहयोग किया था। उनकी मवायें चिरम्मणीय रहेंगी। उनके देहावसान के बाद उनके परिवारजनों की प्रोर से नागनेश (सोराष्ट्र में एक हाईस्कूल निर्माणार्थ एक अच्छी दान राशि प्रदान की गई तथा महाराष्ट्र में देवलाली में निर्माणाधीन श्री कानजी स्वामी स्मारक ट्रस्ट हेतु एक बड़ी राशि दान दी गई है। ऐस सेवा भावी, उदारमना स्व० श्री शांतिलालजी का प्रात्मा जहाँ भी हो, वहाँ सम्यग्दर्शन पाकर प्रात्मकल्याण करे ऐसी सद्भावना करते हैं।
SR No.090002
Book TitleAcharya Amrutchandra Vyaktitva Evam Kartutva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUttamchand Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages559
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size9 MB
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