SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 303
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ यहेसुनियोजातंकियाकारकै दुजानायतोवनतिरविले विनातियायाकलादिशामा || घनधिमममंधनाकिंचित किंचिचिलाछासनालिसंसूचितवसुतधैवाख्यातेयसमय स्पंदानस्पसलमान के विदसिकत्रव्यमवातसरेइत्यान्नातिनासमयसा रत्यारयासमानावा 14 मंचन विधागासवदिश्यमंगलदि निश्रिीमयोगिनीइरेसममराजावलीसा मालंकृत विनिहितारिवलपरमहारा जाधिराजसरनाश्रीयेरोनयकसा दिराज्यमवर्तनानेटीकाष्टसंघवरमायु सन्यायकरारागागमहायसिाज मुनिर्माहवसेनमायाकाष्टावरीलो। निधिमूविंदमा विजयममतियार्थिनिक्षतोयत्तिय निर्मनिचतवसुंदर मदनशासना नाशनरोडरितनामसविक्षितिताकारापहनदायनयमेलनामानन्येमुनिईनसमाना! धामायहेश्वसनासमनदीयेरिसदाचार विचारसारावामाननंमोगातुल्यकारिन श्री दिगम्बर जैन बड़ा मन्दिर (तेर हथियान) जयपुर में प्राचार्य अमृतचन्द्र कृत यात्मख्या तिकलशटोका (मूलगाथा सहित ) शन्थ मौजूद है । लिपि संवत् १४४६ । स्थान-योगिनोपुर (दिल्ली)। उक्त ग्रन्थ के अंतिम पृष्ठ की प्रतिलिपि ।
SR No.090002
Book TitleAcharya Amrutchandra Vyaktitva Evam Kartutva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUttamchand Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages559
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size9 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy