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________________ उनके स्तोत्रों में भक्ति का तरल प्रवाह भी है और उन्होंन पुरुषार्थसिद्धयुपाय जोस सशक्त श्रावकाचार की भी रचना की है. जो प्राचार्य समन्तभद्र के रत्नकरण्ड श्रावकाचार में किसी भी प्रकार कम नहीं है, अपितु अनेक बातों में वह अपनी अलग पहचान भी रखता है। हिंसा-अहिंसा का जितना सूक्ष्म और विस्तृत विवेचन उनके पुरुषार्थसिद्धयुपाय में मिलता है, उतना सूक्ष्म और विस्तृत विवेचन अन्यत्र कहीं भी दृष्टिगोचर नहीं होता। और भी अनेक ऐसे प्रमेयों का प्रतिपादन इसमें हुआ है, जो अन्य श्रावकाचारों में उपलब्ध नहीं होते। इसीप्रकार आचार्य उमास्वामी की सिद्धान्त परम्परा को आगे बढ़ाने के लिए उनके द्वारा रचित तत्वार्थसुत्र (मोक्षशास्त्र) की विषयवस्तु को आधार बनाकर आचार्य अमृतचन्द्र ने सरल सुबोध भाषा में तत्वार्थसार नामक ग्रन्थ की पद्यमय रचना की है। इसप्रकार हम देखते हैं कि प्राचार्य अमृतचन्द्र ने प्राचार्य कुन्दकुन्द की अध्यात्म परम्परा, प्राचार्य उमाम्वामी को सिद्धान्त परम्परा एवं प्राचार्य ममन्तभद्र की स्तोत्र परम्परा तथा श्रावकाचार निरूपण परम्परा को विकसित करने में अभूतपूर्व योगदान दिया है। उनके इस अमूल्य योगदान का मूल्यांकन करना शोध-समीक्षकों का एक ऐसा कर्तव्य है, जिसकी उपेक्षा को जाना उचित नहीं है। ध्यान रहे प्राचार्य कृन्दकन्द, उमास्वामी और समन्तभद्र प्रथमद्वितीय शताब्दी के उन दिग्गज आचार्यों में हैं, जिन्होंने निबद्ध जिनागम परम्परा को महत्वपूर्ण प्रारम्भिक योगदान दिया है 1 वे प्राचार्य अपनी-अपनी परम्परा के प्राद्य प्रणेता हैं। इनके ग्रन्थ परवर्ती आचार्य परम्परा को आदर्श रहे हैं। उक्त आचार्यों के ग्रन्थों के गहन अध्येता अत्मानुभवी प्राचार्य अमृतचन्द्र में उनके ग्रन्थों में प्रतिपादित विषयवस्तु को अपने ग्रन्थों के माध्यम से जिस जीवन्तता के साथ प्रस्तुत किया है, वह अपने ग्राप में अद्भुत है, समाबरणीय है, अनुकरणीय है । ग्राचार्य अमृतचन्द्र के व्यक्तित्व एवं कर्तृत्व का शोधपरक मल्यांकन किए जाने की प्रावश्यकता निरन्तर अनुभव की जा रही थी, पर योग्य गोधार्थी के अभाव में यह कार्य सम्पन्न नहीं हो पा रहा था।
SR No.090002
Book TitleAcharya Amrutchandra Vyaktitva Evam Kartutva
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUttamchand Jain
PublisherTodarmal Granthamala Jaipur
Publication Year
Total Pages559
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari, History, Biography, & Literature
File Size9 MB
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