________________ अनुक्रमणिका क्र. 10 12 13 1. हृदय की बात 2. प्रभू वीर की श्रमण परंपरा 3. प्रथम नाम - निग्रंथ गच्छ 4. द्वितीय नाम-कोटिक गच्छ (कोटि गण) 5. तृतीय नाम-चंद्रगच्छ 6. चतुर्थ नाम-वनवासी गच्छ 7. पंचम नाम-बड़गच्छ 8. षष्ठ नाम- तपागच्छ 9. तपागच्छ के चमकते सितारे 10. तपागच्छ के अभ्युदय सूचक भिन्न-भिन्न देव वाणियाँ 20 11. महोपाध्याय यशोविजयजी के वचन 12. शासन एकता (परिशिष्ट-1) 13. चैत्र गच्छ और बड़गच्छ (परिशिष्ट-2) 14. क्रांतिकारी तपागच्छ के आचार्य जगच्चंद्रसूरिजी म.सा. (परिशिष्ट -3) 14 25 27