________________ w-69.557 વિક્રમચરિત્ર नम्र सूचन . इस ग्रन्थ के अभ्यास का कार्य पूर्ण होते ही नियत समयावधि में शीघ्र वापस करने की कृपा करें. जिससे अन्य वाचकगण इसका उपयोग कर सकें. લેખક શ્રી દેવેન્દ્ર મુનિ શાસ્ત્રી आ.श्री फैलामसागर मृरि ज्ञान मदिर श्री महावीर जेज आगलाद, कोवा सा क्र. 52. UPTA N asan HALELCUE. શ્રી લક્ષમી પુસ્તક ભંડાર : ગાંધી માર્ગ : અમદાવાદ ratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust