________________ पूजा. अष्टप्र. सीससमुहियघमरूव वाहिणा गरुयपिमरूवेण / पीडिती अहियं दिहा गुरुपायमूलंमि // 36 // कलश (सीसमुवज्यिघमरूववाहिणी गरुयपिंगरूवेण ) पागंतरं. ॥३ना जयवं का पुण एसा निच्चं बहुषुकस्कियसरीरा। दिहाविहु नयजणणी पच्चरका रकसी चेव 37 नणि सो मुणिवश्णा नरवश्व तुम्ह नयरंमि। फुग्गयगहवधूया नामेणं वेणुदत्तस्स // 3 // कालगऊ एयाए जण जणणीय जायमित्ताए। उकेण जीवियाएं कहविहु विहिणा निउंगेणं ३ए / / सोऊण श्मं वयणं सीसं धुणिऊण चिंतए राया। विसमो विहिपरिणामो संसारे श्व कम्माण॥४॥ साविय नमिऊण मुणिं रोयंती नणगग्गररवेणं / साहेहि मक्ष जयवं जं किर पोराणयं कम्मं 416 नणिया सा मुणिवश्णा नद्दे निसुणेसु पुत्वजम्मंमिाज जिणपसजणियं बळं कम्मं तए असुहंध बंजपुरे आसि तुमं सोमा नामेण माहणी पुत्विं / सोमसिरीसुन्हाए जिणपुरज ढोचें घमई // 3 // कुवियाए सा नणिया जिणपुर कीस ढो घम। श्य वयणा एयं संपत्तं दारुणं पुकं // 4 // श्य सोउणं पछायावेणं ताविया जण जयवं / अवि एयं घोरं अणुहवियत्वं मए कम्मं // 4 // नणिया सामुणिवश्णा पछायावो यजो कर्जा पुदि / तेणं चिय तं खिवियं एगनवेणेव बहुकम्म"18 पछायावेण जि नियकम्मं खिवर सुनावण / सम्में मिग्गवई विर्व नियगुरुणी पायमूलं मि // 7 // 8 // 3 // 1 गिहिवइ / 2 जीविया / 3 विहु / जीवाणं / 5 गग्गयसरणं / 6 साहेह / 7 किंपि / पुराकयं / ए ढो इए / 10 घडए / 11 जिणसीसे किं न / 12 संपत्ता / 13 परिखवियं / 15 कम्मं / 15 सर्व / 16 श्व / AC.Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak T