________________ है ? तू तो पिता के समान है, तो तू मुझ से किस तरह शादी करेगा ? वह हंस कर मुझे बदरी बना गया है। आज बुधवार की रात्रि है आप कौन हैं ? हे साहसिक शिरोमणी आप यहां किस तरह आये हो? यहां से मुझे निकाल कर उस दुष्ट के पंजे में से निकाल कर मेरा उद्धार करें। चन्द्रकला के पति श्रीचन्द्र सोचने लगे, 'कल जो व्यक्ति मेरे द्वारा मारा गया था, वही रत्नचूड होगा।' ऐसा सोचकर निगर्वी राजकुमार ने कहा कि, 'मैं मुसाफिर हूं, दरिद्रता के कारण कुशस्थल को धन प्राप्त करने की इच्छा से धूमता हुआ जा रहा था, इस अटवी में वृक्ष पर सोने के लिये चढ़ा, वहां खोखल का मुह अन्दर की ओर जाते हुये देख मैं उस के अंदर प्रवेश कर गया यहां मैं पाताल महल को देख कर उस पर चढ़ पाया यहां तुम्हें बंदरी पन में देखा / अब हे कृश पेट वाली / तू दुःख क्यों सहन करती है ? तू कुमारी है तो उस विद्याधर के साथ विवाह करने से तू विद्याधरी बनेगी, उसमें तुझे बुरा क्या लगता है ? 'हे नाथ ! आप मेरे भाग्य से आये हैं, जिससे आज मेरी प्रतिज्ञा पूर्ण हुई है। आप संपूर्ण लक्षणों से महान हो। कहा है कि, 'पांच लम्बे, चार छोटे, पांच सूक्ष्म, सात लाल, तीन ऊचे, तीन चौडे, तीन गहरे, और 2 श्याम ये पुरुष के 32 लक्षण कहे गये हैं / दो हाथ, दोने त्र, अंगुली, जीभ और नाक ये पांच लम्बी अच्छी हैं। वांसो, कठ, पुरुष. चिन्ह और जंघा ये चार छोटी अच्छी हैं। दांत, चमड़ी, नख और केश ये चार सूक्ष्म अच्छे हैं। पेट, कन्धे, मस्तक और पैर चार उन्नत शुभ P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust