________________ 1321 श्रीचन्द्र ने सबके साथ महोत्सव पूर्णक नगर में प्रवेश किया। दक्षिण और उत्तर श्रेणी के अधिपति विद्याधरों ने रत्नों और कन्याओं सहित प्राक़र नमस्कार किया / रत्नवती, रत्नचूला, मरिणचूलिका और रत्नकान्ता आदि और भी विद्याधरों की दुसरी पुत्रियों का श्रीचन्द्र से पाणिग्रहण किया / करमोचन के समय आकाशगामिनी और कामरुपिणी विद्यायें मिलीं / सुग्रीव प दि 110 विद्याधर अधिपतियों ने श्रीचन्द्र महाराजा को,विद्याधरों के चक्रवर्ती रुप में विधि पूर्णक महोत्सव से अभिषेक किया। बाद में श्री सिद्धगिरि शिखर की यात्रा करके, माता-पिता, पत्नियों विद्याधरों सहित, विद्याधरों की विनती से उनके नगरों का निरीक्षण किया / आकाश को चित्र विचित्र करते हुये, विद्याधरों की श्रेष्ठ सेना सहित, रत्नों के अनेक वाजित्रों के नाद से गाजते हुये श्रीचन्द्र रुपी मेघ कुशस्थल माये / ____ कुशस्थल नगर में छोटे-बड़े विशाल मंच बांधे गये / केले के स्थंभ गाड़े गये / बहुत सुन्दर 2 तोरण बन्धे / जिनके हाथों में केसर चमक' .. रहा है, ऐसे हाथों से मोतियों के स्वस्तिक होने लगे / कोई हाथों में पुष्पों की माला लेकर खड़े हैं, तरह 2 के ध्वज लहरा रहे हैं और अनेक गीत नृत्य हो रहे हैं / स्त्रिये धवल मंगल गीत गा रही हैं / स्थान 2 पर चन्दन और कुक म से पवित्र किये हुये राजभुवन हैं, सुन्दर शृंगार से सज्जित ऐसी नारियों और नरों से श्रीचन्द्र ने कुशस्थल में प्रवेश किया / मंगल के लिये किये गये पूर्ण कुभ और अक्षत पात्रों से, राज. Jun Gun Aaradhak Trust P.P. Ac. Gunratnasuri M.S.