________________ * 81 10 राजा की प्रिया है / उनके वामांग पुत्र और पुत्रियां हैं / बड़ी पुत्री : 3 शिकला और छोटी पुत्री चन्द्रकला है / शशिकला का विवाह सिंहपुर के राजा महामल्ल के साथ हुआ है और छोटी चन्द्रकला वह पद्मिनी है अति रुप, लावण्य से शोभित है। उसे उसके मामा आदर पूर्वक विवाह के लिए यहां लाये हैं / चन्द्रकला के जन्म के समय "यह पधिनी राजा की रानी होगी ऐसी हर्ष वाली मुनि की वाणी हुई हैं / नैमित्तिक ने भी कहा है कि, 'सूर्यवती के पुत्र की पटरानी होगी / परन्तु यह वाणी अभी तक फलीभूत नहीं हुई है। प्रतापसिंह राजा की राणी सूर्यवती इस नगर के राजा की पुत्री है। शुभगांग र जा को कुलदेवी ने कहा कि, 'पद्मिनी का पारिण ग्रहण सत्वर उसके मामा के घर तू कर।" इसलिये पद्मिनी, माता, भाई आदि परिवार के साथ 500-500 पांच वर्ण के अश्वों में युक्त दीपशिखा नगरी में आयी है। और भी . सामग्री माता पिता ने पद्मिनी के विवाह के लिए तैयार करवायी है / - यह सुन कर 'श्रीचन्द्र मित्र सहित दीपशिखा नगरी का निरीक्षण करने की इच्छा से युक्त रथ को वहां रख कर आगे बढ़े। सरवर के पास एक तम्बु देख कर श्रीचन्द्र ने एक सेवक से ने कहा कि "हे मित्र ! तिलक राजा के प्रादेश से, वीर मन्त्री कुशस्थल की तरफ प्रयाण करते हुए यहां रुके हैं। नायकों में अग्रसर वीणारव के साथ राजसभा में जा रहे हैं।" P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust