________________ * 31 * प्रयाण करते हुए राजा प्रतापसिंह की सेना स्थान 2 से पाये हुए राजाओं सुन्दर रथों सारथियों और सैन्य दलों से वृद्धि को प्राप्त हुई। . राजा ने योग्य स्थल पर सारी सेना को विश्राम कराया / गुप्तचरों ने शत्रु के सैन्य की खबर प्रतापसिंह को दी। विचारणा करके राजा प्रतापसिंह ने तैयार हो कर रण क्षेत्र में प्रवेश किया और युद्ध प्रारम्भ हो गया। ... भाले वाले के सामने भाले वाला, तलवार वाले के सामने तलवार वाला, धनुषबाण वाले के सामने धनुषवाण वाला, अश्वारोही के सामने अश्वारी, सामन्तों के सामने सामन्त प्रादियों का भयंकर युद्ध हुआ / शत्रु के बल के समक्ष अपने विशाल सैन्य को भागते हुए देख कर विजयादि तीनों कुमारों ने भागे आकर भयंकर बाणों की वर्षा करके शत्रु को पराङ्मुख कर दिया / . ............ कुमारों को बलवान जानकर और भागती हुई अपनी सेना को रोकने के लिए तत्काल रोष से होंठ चढ़ा कर शस्त्रों से सज्म होकर मल्ल और महामल्ल सामने आए और बहुत समय तक कुमारों के साथ युद्ध करते रहे। - -- मल्ल राजा ने तलवार के वार से विजय को मूछित कर दिया / पुत्रों और सेना को खिन्न देख कर सूर्य समान तेजस्वी प्रतापसिंह राजा ने अपनी तलवार खींच कर, "कहां है, दुष्ट मल्ल ?" इस प्रकार बोलते P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust