________________ न 26 . करता गया जब वर्तन पूरा खाली हो गया तव छेद को बन्द कर दिया। "दोहद पूर्ण होने से टूर्यवती को अति हर्ष हुआ।. . marrammmmmmmmmmmmmmmmmmm .. . प्रतापसिंह और सूर्यवती ने उस सुन्दर दोहद के कारण आनन्द से यह निश्चय किया कि “चन्द्र के दोहद के कारण भविष्य में जो पुत्र - जन्मेगा उसका शुभ नाम "श्रीचन्द्र कुमार रखेंगे। अतः उन्होंने इस नाम की रत्न जड़ित सुन्दर अंगूठी तैयार 7. करवाई / ' "राजा रानी के मन में इतना अत्यधिक हर्ष उत्पन्न हुआ जो .5 तीन जगत में भी नहीं समा सकता था / , रा . 2. का , एक बार प्रतापसिंह राजा वन में क्रीड़ा करने गये हुए थे वहां कितने ही चर पुरुष कोलाहल करते हुए आये। राजा ने पूछा कि __ "क्या बात है ?" चर पुरुषों ने कहा कि "महाराज !' नैऋत्य कोण में ___समुद्र के किनारे कणकोटपुर और रत्नपुर नगर हैं / वहां के राजा मन्ज और महामल्ल मिल कर अपने ग्राम नगर आदि को त्रासित कर म कुशस्थल में वापस लौट कर राजा. प्रतापसिंह ने सेनापति को महासेना सहित तैयार होने का आदेश दिया। चारों तरफ प्रयाण भेरी 2 बजने लगी / अन्तःपुर में जाकर रानी सूर्यवती को राजा ने कहा कि, “हे प्रिये ! अचानक, विजय यात्रा उपस्थित हुई है / तुम सुख से यहां रहना / मैं जल्दी ही शत्रुओं को जीत कर यहां लौट आऊंगा। P.P. Ac. Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust