________________ सुमित्र // 122 // अर्थ-एटले चलायमान कुंडळवाळो ते देव प्रगट थइ, खमावी, इंद्रे करेली प्रशंसानी हकीकत कहीने पोताने स्थाने गयो.।९७/ Jo चरित्रम् ततोऽस्यैव गुरोः पाश्र्थे / विनयादिगुणान्वितौ // ज्ञातागमावभूतां तौ / गीतार्थेकशिरोमणी // 98 // ___ अर्थ-त्यारपछी केवली गुरुनी पासेज आगमोनो अभ्यास करीने विनयादि गुणोवाला ते बने गीतार्थमां शिरोमणि थया.।९८|| सौम्यौ सोम इवात्यंतं / स्वर्णाद्रिरिव निश्चलौ // सर्वसहौ सुभूमीव / सदाचारौ दयापरौ॥ 99 // ___अर्थ-तेओ चंद्रनी जेवा अत्यंत सौम्य, मेरुपर्वत जेवा निश्चल, पृथ्वी जेवा सर्वसह, सदाचारमां ने दयामां तत्पर // 99 // विहायोवन्निरालंबौ / कूर्मवद्गुप्तकेंद्रियौ // वैराग्यरसनिर्मग्नौ / भग्नाभ्यंतरशात्रवौ // 20 // ____ अर्थ-आकाशनी जेम आलंबन विनाना, काचबानी जेम इंद्रियोने गोपवनारा, वैराग्यरसमां निमग्न अने अभ्यंतर शत्रुओनो नाश करनारा थया. // 10 // एकदा शुभभावेन / घातिकर्मचतुष्टये // गते क्षयं क्षणादेव / वृतौ च केवलश्रिया // 1 // अर्थ-एकदा शुभभाववडे घातिकर्मोनो क्षणमात्रमा क्षय थवाथी ते बंने केवलज्ञान पाम्या. // 1 // . | तत्कालमिलितानेक-सुरश्रेणिकृतोत्सवौ // निर्मितेशासनामर्या / कांचनाब्जे कृतासनो // 2 // चिरं प्रबोध्य भव्यौघान् / सुधामधुरया गिरा // भवोपग्राहिकर्माता-क्रमानिर्वाणमापतुः // 3 // . / अर्थ-तत्काळ अनेक देवो त्या एकत्र थया अने तेमणे तेमना ज्ञाननो महोत्सव कर्यो. ते देवोए रचेला कनककमल उपर // 122 // DOHOROOOOOOOOGADHeam *P.P.Accountainasuri M.S. un Gun Aarak Trust