________________ स्त्रीचरित्र. स्थान आलोर नगर है, इसकी वस्ती सिन्ध नदीके पुरान | मार्गके किनारे थी, परन्तु सम्बत् 1719 तथा सन् 962 ! ईसवीमें भूकम्प होने और सिन्ध नदीके मार्ग बदलनेसे बहुत कुछ इसका विनाश होगया है, यहां आलमगीरकी एक मसजिद अब तक बनी है, और एक कन्दराके समीप कालीका देवीका मन्दिर बना है, जहां प्रतिवर्ष मेला होता है, यह आलोर नगर ऊपरी सिन्धकी प्राचीन राजधानी थी और नगर मुलतानसेभी यह नगर चढाबढा था, यहां प्रमखंशका साहिर नामक राजा धर्म और न्याय पूर्वक राज्य करता था, जिसका राज्य उत्तरमें काश्मीर, पश्चिममें मेहरान अर्थात् सिन्धनदी और दक्षिणमें समुद्र पर्यन्त फैला था, मुल्क फारससे धन और मालके लोभी यवनोंकी सेना चढ आई और धोखासे राजको मार कर सब कुछ लूट मारकर यवन लोग जब अपने देशको लोट गये, तब राजाका पुत्र रायशा गद्दीपर बैठा, इस वंशका राज्य खलीफा वलीदके समय तक था, तथा जब ईराकके हाकिम हिजाजने विक्रमीय सम्वत .AC.Gunratnasuri M.S.. Jun Gun Aaradhak Trust,