________________ 12. स्त्रीचरित्र. सजिके हमको लेन / आज बजावत हम चली, पियको बदलो देन // 3 // मावरिकी भाँवरि दई, अधिक दियो निजप्रान / जग आये लज्जा रही,रही बात जगआन // 4 // दोहा. . . .. स्त्री चरित्र पूर्वाई यह, भाग द्वितीय प्रमान / नारायणहितसों लिख्यो, पढि है ताहि सुजान // 5 // इति श्री स्त्रीचरित्र द्वितीय भाग पूर्वखण्ड समाप्तः / / अथ उत्तरखण्ड प्रारम्भः / .. दोहा... सकल सुमंगल मूल जग, श्रीगणपति मन लाय / नारायणहितसों लिखत, उत्तराई हर्षाय // 1 // वीर महारानी प्रगट, Ac:Gunratnasuri M.S. Jun Gun Aaradhak Trust