________________ भाषाटीकासहित. दोहा. साधुसराहै साधुता, जती जोखिता जान। रहिमन साचे सूरकी वैरिहुकरें बखान // 1 // - बीकानेरके राजा रायसिंहके भाई पृथ्वीराज महाराणा प्रतापसिंहजीकी ओरसे सहज होकर अकबर के दरबारमें रहा करते थे, और दरवारका समाचार महाराणाजीको लिखते रहते थे, इन्हीं पृथ्वीराजकी रानीने अकबरके दुःस्वभावको छुटाया था सो वृत्तान्त हम वीर रानोके नामसे आगे उत्तरखंडमें लिखेंगे. कुंडलिया. भूखे प्राण तजें भले केसरि खर नहिंखाय। चातक प्यासोही रहै विनास्वातिन अघाय।। विना स्वाति न अघाय हंस मोतीहीखावै। सती नारि पतिविनातनिक नहिं चित्तडुलावै त्यों प्रताप नहिं डिगे होंयसवही किनरूखे। - P.P. Ac. Gunratnasuri M.S: Jun Gun Aaradhak Trust