________________ भाषाटीकासहित. महाराणा विचार कर रहे थे कि,इतनेमें महाराणीने कहा, आर्यपुत्रकी जय हो, क्या मैं सुन सकती हूं, कि आज ... आपकी चिन्ताका क्या कारण है, यह सुन महाराणाने उत्तर दिया, प्यारी, तुम्हारा आगमन अच्छा हुआ, हम तुमको बुलानेही को थे कि तुम आगई, अपनी चिन्ताको कारण यदि तुमसे न कहेंगे तो किस्से कहेंगे? इस समय हम यही सोच रहे थे कि इस कठिनाईके समयमें हमें क्या करना उचित है? क्या हमभी जयपुरको तरह अपनी प्राणसेभी प्यारी बेटोको यवनराजको भेंट करके अपना झंग साज वाज बढावे,और अपने वडोंको कोर्तिको मिट्टीमें मिलावें महाराणो बोली, महाराज ! यह कभी योग्य नहींहै, ऐसा विचार करनेसेभो प्रायश्चित्त लगता है। विचारी भोली भाली हिन्दुओंको लडको अपना भला बुरा क्या जानें?उनका तो सुख दुख सब मा बाप के हाथ है, जो वे किसी लोभमें पडकर वा प्राणके भयसे उनका सर्व नाश करते हैं, तो न केवल अपनी कुल मर्यादा P.P. Ac. Gunratnasuri M.S.. Jun.Gun Aaradhak Trust