________________ स्त्रीचरित्र. कुलांगारोंको अपना प्रताप न दिखाया तो मेरा नाम प्रतापसिंह नहीं, देखो हमारे वंशके मूलपुरुषोंने कैसे पराक्रप और साहसके कर्म किये हैं, भगवान श्रीरामचन्द्र जीने अपनेही बाहुबलसे वानर और भालुओंकी निमित्त मात्र सैन्य बनाकर रावण ऐसे प्रबल शत्रुका संहार किया था, वाप्पा रावलने खुरासान तक विदेशमें जाकर अपनी ध्वजा फहराई थो, खुमानने कावुलीयोंका सारा कट्टरपन भुला दिया था,यों ही बराबर एकसे एक वीर होतेही गये, क्या उनके पवित्र कुलमें जन्म धारण करके हम इस कुलको कलंकित करें, कभी नहीं, अकबर अपनेको बडा प्रतापी, बडा चतुर, बड़ा वीर मानता है, दक्षिणका राज्याधिकार करके उसे बडा गर्व हुवा है, राजपूतानाके कुलांगारों - को अपना साला सुसरा बनाकर बडा फूला है,अपना राज्य अटल समझता है, परन्तु प्रताप तेरा नाम तभी है, जब तु इस रावणसरीखे शत्रुका मुकुट अपने चरणतलमें मर्दन करे, कुछ चिन्ता नहीं, जो इसका दर्प चूर्ण न किया, तो संसारमें अपना मुंह न दिखाऊगां, इस प्रकार un Gun. Aarddhak Trust P.P.AC. Gunratnasuri MS.