________________ स्त्रीचरित्र - भारतमाता सचेत होके अपने पुत्रको जगाती है. पृथ्वीराजजयचन्दकलह करियवन वुलायो। तिमिरलिंग चंगेज आदि बहु नरन कटायो॥ अल्लादीन औरंगजेब मिलि धर्म नशायो / विषय वासना दुसह महम्मदशह फैलायो॥ तबलौं सोये बहु वत्स तुम जागे नहिं कोऊ जतन / है. महाराज यडवर्ड अब जागहुः सुत भय छोडि मन // 16 // . तथा कह गये विक्रम भोजराम बलि कर्णा ___ युधिष्ठिर / चन्द्रगुप्त चाणक्य कहाँ नाशे करिके थिर // कहँ क्षत्री सब मरे विनशि सब गये कितै गिर / कहाँ राजको तान साज जेहि जागत हे चिर // कहँ दुर्ग सैन P.P: Ac. Gunratnasuri M Jun Gun Aaradtak